बुधवार, 16 सितंबर 2015

गुरू या भगवान

गुरू  या भगवान 


दिल में मेरे बात है , 
क्या करूँ क्या न करूँ 
आशीष लूँ गुरुदेव का 
या भगवान की पूजा करूँ 

भगवान अल्लाह हैं बड़े 
या पद बड़ा गुरुनाम का 
किससे  मांगू मैं सलाह 
कौन है इस काम का 

हालांकि सच ये बात है 
कि जन्मदाता भगवान हैं 
लेकिन सिखाये जीने का 
मकसद वो गुरुनाम है 

फैसला मन में किया 
भगवान को है तब नमन 
हैं गुरु आराध्य मेरे 
आशीष लूँ उनसे प्रथम 

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